अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति का चर्तुथ महाधिवेशन 20.12.2020 को होना तय हुआ है।
जिसकी विस्तृत कार्यक्रम की जानकारी देने हेतु आज पत्रकार वार्ता आयोजित की गई।
उसी के संदर्भम मेंआज बार कौंसिल भवन पटना में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया है।अधिवेशन में वर्तमान मेंअधिवक्ताओं कि भूमिका तय किया जायेगा। अखिल भारतीय कल्याण समिति का एक दिवसीय महाधिवेशन 20 दिसम्बर 2020 को ब्रज किशोर मेमोरियल हॉल पटना में होगा, जिसमें वर्तमान परिवेश में अधिवक्ता वर्ग की हो रही कठिनाईयों पर गहन रूप से चर्चा होगी और केन्द्र सरकार ओर राज्य सरकार को अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति से ज्ञापन सौपा जायेंगा।
अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय और बिहार स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष श्री धर्मनाथ प्रसाद यादव ने कहा है कि कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में पुरे देश में अधिवक्ताओं ने कठिन चुनौतियों का सामना किया है वह बेजोड़ और मिसाल है। एक तरफ पुरे देश में भरचूयल ;टपत जनंसद्ध कोर्ट होने से अधिवक्ताओं को कठिनाई हुई है वहीं जिला न्यायालय भवन बन्द होने से कार्य निष्पादन में कठिनाई हुई है।उन्होंने कहा कि केन्द्र औरबराज्य सरकारवकोअधिवक्ताओ के लिए वजटीय प्रावधान निर्धारित किया जाना चाहिए था और उनके कल्याणकारी योजनाओ के लिए दिल्ली सरकार एवं अन्य राज्य सरकारों के तर्ज पर योजना बनाना चाहिए था।
अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री ओर झारखण्ड स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष श्री राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकरआजतक सरकार और देश की राजनीति की धुरी अधिवक्ताओं के इर्द-गिर्द घुमती रहीहैं।अधिवक्ताओं का स्वर्णिम एवं गौरवमयी इतिहास रहा है।इसके लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार को व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए अधिवक्ताओं के हित में योजना बनाना चाहिए एवं उनके प्रति सद्भाव रखना चाहिए।श्री शुक्ल ने कहा कि पुरे देश के विभिन्न राज्यों में अधिवक्ताआंे के साथ हो रही घटनाए चिन्ता का विषय है।बिहार सहितअन्य राज्यों में कुछअधिवक्ताओं की निर्मम हत्याऔरअपने व्यवसायिक कार्याें में मिल रही धमकियॉ चिन्ता का विषय है इसलिए सभी राज्यों में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना चाहिए।सामूहिक बीमा योजना लागू किया जाना चाहिए,जिसकी मॉग विभिन्न मंचों से समिति द्वारा किया गया है।
प्रान्तीय महामंत्री श्री रणविजय सिंह ने अपने सम्बोधन के दौरान दुःख प्रकट करते हुए कहा यदपि सरकारों ने इस वैश्विक महामारी से निकलने के लिए लाखों करोड रूपया की योजना बनाई जिसमें वकीलवर्ग को शामिल करना उचित नहीं समझा। जनतंत्र की रिड़ तथा न्यायपालिका के मजबूत स्तम्भअधिवक्ता को माना जाताहै।इसलिए सरकार अधिवक्ताओं की मॉग पूरी करेे नहीं तो अधिवक्ता आंदोलन के लिए मजबुर होंगे।
20 दिसम्बर 2020 के महाधिवेशन का उद्घाटनकर्ता बारकौंसिलऑफइण्डिया के अध्यक्ष श्रीमनन कुमार मिश्र एवं मुख्य अतिथि बिहार सरकार के विधि मंत्री माननीय श्री रामसुरत राय होंगे, यह जानकारी समिति के मिडीया प्रभारी श्री राजीव रंजन ने दिया।प्रेस वार्ता में बिहार स्टेट बार कौंसिल के सदस्य श्री राम चरित्र प्रसाद, श्री पंकज कुमार, श्री शिव कुमार यादव, श्री नागेन्द्र प्रसाद यादव, श्री प्रेम कुमार पासवान, श्री डी0 पी0 सिन्हा, श्री शम्भू शरण शर्मा, श्री अरूण कुमार श्रीवास्तव, श्वेता कुमारी,अन्नपूर्णा कुमारी श्री राज कुमार राजेश, एस0 के0 मिश्रा, डा0 मधुसुदनराय एवंअन्य अधिवक्तागण मौजूद थे।